हेल्लो दोस्तों क्या आपको पता है चेतेश्वर पुजारा जीवन परिचय के बारे मैं?? अगर नहीं पता तो हम इस आर्टिकल में Cheteshwar Pujara Biography Hindi में बताने जा रहे है.सब कुछ जानने के लिए यह लेख पूरा पढ़े.ये कहानी टीम इण्डिया के उस बल्लेबाज की है जिनके एक्शन को ढाई सालकी उम्र ही देखकर उनके रणजी क्रिकेटर पिताने उसका भविष्य क्रिकेट की उम्र में बनाने का फैसला कर लिया था.ये कहानी टीम इंडिया के उस बल्लेबाज की है जिनके खून में ही क्रिकेट है.ये कहानी उस बल्लेबाज की है जिसे क्रिकेट विरासत में मिली है.सौराष्ट्र के सपूत का नाम तो आपने सूना ही होगा “चेतेश्वर पुजारा”.
Cheteshwar Pujara Biography hindi,Wife,Height, Weight, Age(चेतेश्वर पुजारा जीवन परिचय जीवनी,इतिहास,शिक्षा,जाती,परिवार,माता,पिता,पत्नी,बेटी,वजन)
पूरा नाम Full name | चेतेश्वर अरविंद(aravind) पुजारा Cheteshwar Arvind Pujara |
जन्म Born | 25 January 1988 |
उम्र Age | 35 years as of 2023 |
जन्म स्थल Birth place | Rajkot, Gujarat, India |
परिवार Family | पिता Father -arvind pujara
माता mother- reema pujara पत्नी wife- pooja pabari बेटी daughter- aditi pujara |
Nickname | पुज्जीभाई |
ऊँचाई Height | 1.79 m (5 ft 10 in) |
भार Weight | 71 kg |
स्कूल School | Lal Bahadur Shastri Vidyalaya, Rajkot, Gujarat |
पढाई Education | बीबीऐ Bachelor of Business Administration (BBA) |
बल्लेबाजी Batting | Right-handed |
गेंदबाजी Bowling | Right-arm leg break |
रोल Role | बल्लेबाज Batsman |
Cheteshwar Pujara फ़टाफ़ट क्रिकेट के ज़माने में सफ़ेद कपडे वाले क्रिकेट को प्यार करने वाले क्रिकेटर है.टेस्ट मेच क्रिकेट से पुजारा को बेशुमार प्यार है.उन्हें इतना लगाव शायद विरासत में ही मिला है.उनके दादा शिवलाल पुजारा ने काफी दिनों तक क्रिकेट खेला.
उनके पापा अरविंद पुजारा और चचा बीपिन पुजारा ने भी सौराष्ट्र क लिए क्रिकेट खेला.बाद में जब उनका नंबर आया तो देखने वालो ने तो यही कहा की इसका तो जन्म ही क्रिकेट खेलने के लिए हुआ है.
Early Life – चेतेश्वर पुजारा की निजी जिंदगी
चेतेश्वर pujara का जन्म साल 25 January 1988 के gujarat के rajkot में हुआ था.शुरू से ही वो पढाई लिखाई में तेज तर्रार थे.और क्रिकेट के खेल में धुरंधर.उनका तन मन कोपी और क्रिकेट से ज्यादा बेट और बोल को खिचता था,वैसे पुजारा की ख्वाईश थी वो पायलेट बनाकर आसमान की सेर करे लेकिन तब किसे पता था एक दिन वो क्रिकेट के गोल मैदान पर टीम इंडिया के लिए जलवा बिखेरेंगे.
चेतेश्वर पुजारा की संघर्षता की कहानी – Struggle of Cheteshwar Pujara
पुजारा के घर के सदस्य ने किसी दिन उनको क्रिकेट खेलने से नहीं रोका.स्कुल और क्रिकेट अकेडमी साथ साथ चल रहे थे.8 साल की उम्र में क्रिकेट ट्रेनिंग शुरू हो गयी,पुजारा के शुरुआति कोच का काम उनके पापा अरविंद पुजारा ने ही किया.बतोर कोच पापा बहोत सख्त थे,वक्त के पाबंध थे ,थोड़ी सी गलती होने पर सबके सामने डांट पड़ती थी.
Cheteshwar Pujara अपने पिता अरविंद पुजारा के साथ अक्सर स्टेडियम में मेच देखने के लिए जाते थे.शायद उस वक्त से ही क्रिकेट को लेकर उनकी समज थोड़ी साफ़ होने लगी थी.एक तरफ वो कोच पिता से क्रिकेट सिख रहे थे.तो दूसरी और मैदान में जबरदस्त प्रदर्शन कर रहे थे.सफलता मिलाने में देर नहीं लगी.
12 साल की उम्र में अंडर14 मेच में पुजारा ने बडौदा के खिलाफ खेलते हुए 306 रन बना दिए.कहते है चेतेश्वर को मेरेथन पारियों का चश्का और भरोसा दोनों इसी मेच से मिला था.शुरू से ही पुजारा के लिए मैदान पर विकेट गवाना एक गुनाह के बराबर रहा है.रनों की भूख कभी कम नहीं हुयी और विकेट पर घंटो टिके रहना उनकी फितरतो में शुरू से ही शुमार रहा है.
पुजारा ने अपनी क्रिकेट कला और कौशल दोनों को ही तप ती भट्टी में पसीना बहाकर सुन्दरता के साथ निखारा है ,जिसका फल आज उन्हें रिटर्न गिफ्ट के तौर पर मिल रहा है.
साल २००५ में 17 साल के पुजारा अंडर 19 के लिए खेलते थे.क्रिकेट करियर रफ़्तार से बात करने लगा था.के जिंदगी ने एक इन्तेहाँ ले लिया,इश्वर ने एक जोर का धक्का दिया.केंसर की बिमारी से पीड़ित माँ का दुखद अवसान हो गया.पुजारा उस दिन भावनगर से एक मेच खेलकर लौट रहे थे.
निजी जिंदगी में एक बेटे पर से माँ का प्यार हट जाना जीते जी मर जाने के बराबर होता है.पुजारा इस तकलीफ को जेल ही रहे थे की चोट ने उन्हें मैदान से बहार कर दिया.तब पहली बार लगा अब कही सबकुछ सिमट ना जाए.लेकिन इस चुनोती को पुजारा ने चारो खाने चित्त कर दिया.
मैंने कभी किसी बल्लेबाज को गेंद को उतनी करीब से नहीं देखा जितना वह (पुजारा) देखता है और इसमें सचिन तेंदुलकर और राहुल द्रविड़ भी शामिल हैं । उनकी एकाग्रता एक चुनौती थी। और हमें उनकी तरह, हमारे सभी बल्लेबाजों और गेंदबाजों की तरह बेहतर होते रहना होगा
– पूर्व ऑस्ट्रेलियाई ओपनर और मौजूदा कोच जस्टिन लैंगर , जनवरी 2019
इस में थोड़ा वक्त जरुर लगा लेकिन फिरसे चेतेश्वर पुजारा क्रिकेट के सफ़र में रफ़्तार से बात करने लगे.खामोश बल्ला फिर से बोलने लगा.करियर को सवारने में उनके पिता अरविंद पुजारा ने फिर से महेनत की. अंडर 19 के स्तर से तहलका मचाते हुए क्रिकेट में धूम मचाने लगे.इसके बाद पुजारा ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
टीम इंडिया की अंडर 19 टीम में जगह मिली उसे पुजारा ने शानदार तरीके से भुनाया.एक के बाद एक शानदार प्रदर्शन किये.आगे की राह में जो रोड़े थे वो हटाने को लगभग यही से शुरू होने लगे थे.
2006 अंडर 19 वर्ल्ड कप के बाद से ही वो चयनकर्ताओ की पसंद बन गए.सचिन सौरव,द्रविड़ और लक्ष्मण का दौर अब धीरे धीरे सिमट रहा था.चयनकर्ताओ को एक ऐसे नौजवान की तलाश थी जो इन कमिओ को पूरा कर सके.नज़रे पुजारा पर जाके ठहर गयी.
International career – अंतर्राष्ट्रीय करियर
Debut | vs Team | Place | Date |
Test debut | Australia | M.Chinnaswamy Stadium | 09/10/2010 |
ODI Debut | Zimbabwe | Queens Sports Club | 01/08/2013 |
IPL Debut | Deccan chargers | Dr dy patil sports academy | 12/03/2010 |
Test Debut – टेस्ट डेब्यू
पुजारा को टीम इंडिया में खेलने को मौक़ा मिला साल 2010 में.चिन्नास्वामी स्टेडियम बेंगलुरु के मैदान पर सामने ओस्ट्रेलिया की टीम थी.vvs लक्ष्मण गायल हुए.और उनकी जगह पुजारा को मौक़ा मिला था.लेकिन पहली बार में वो सिर्फ 4 रन बनाकर आउट हो गए.दूसरी पारी में भी मौक़ा मिला इस बार उनका बल्ला बोल उठा.पुजारा ने 72 रन की पारी खेली.
Cementing his place – अपनी जगह पक्की करना
बिच में पुजारा को आईपीएल मेच में चोट लगी तो उन्हें मैदान से बहार रहना पडा लेकिन जब लौटे तो द्रविड़ संन्यास ले चुके थे.उनका स्थान खाली था.पुजारा ने धीरे धीरे इस स्थान को भर दिया.
साल 2012 में पुजारा ने हैदराबाद में न्यूजीलेंड के खिलाफ करियर का पहला टेस्ट शतक जडा.इसी प्रदर्शन के दम पर इंग्लेंड के खिलाफ होने वाली सीरिज में उनका स्थान पक्का हो गया.टीम इंडिया को एक मजबूत बल्लेबाज मिल गया था.इंग्लेंड के साथ चल रही सीरिज में पुजारा ने अहमदाबाद में दोहरा शतक जड़ दिया,और उन्हें men ऑफ़ ध मेच चुना गया.
अब उनकी क्रिकेट की चमक चारो और रोशनी बिखेर रही थी.दूसरी तरफ अछे प्रदर्शन के बाद भी उन्हें एक दिवसीय टीम में मौक़ा नहीं मिला.२०१३ के मार्च महीने में ओस्ट्रेलिया के खिलाफ फिर से उन्होंने दोहरा शतक जड़ दिया.इस पारी के दौरान टेस्ट मेच में उनके १००० रन भी पुरे हुए.
वन डे डेब्यू – ODI Debut
पुजारा एक बार फिर से चयनकर्ताओ के द्वार दस्तक दे चुके थे,इस बार उन्हें वन डे टीम में स्थान मिल गया.लेकिन जिम्बाम्बे दौरे पर पुजारा का बल्ला नहीं चला.चेतेश्वर पुजारा को उनके चाहने वाले टेस्ट क्रिकेट में खूंटाघाड बल्लेबाजी के लिए प्यार करते है.उनके कलात्मक और रचनात्मक शॉट्स का इन्तेजार करते है.कहने वाले तो उन्हें दुसरा वोल भी कहते है.
पुजारा दुनिया के उन चंद बल्लेबाजो में गिने जाते है जिनकी बेटिंग एवरेज लगभग हमेशा आंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के किसी भी फोर्मेट में 50 से ऊपर बना रहता है.वो भारत के तीसरे और विश्व के 9 वे बल्लेबाज है जिन्होंने एक टेस्ट मेच में सभी 5 दिनों में बल्लेबाजी की है.
2017 में पुजारा ने ओस्ट्रेलिया के खिलाफ रांची में दोहरा शतक लगा कर टेस्ट रेंकिंग में दुसरा स्थान हासिल किया था.ये उनके करियर की सर्वश्रेष्ठ रेंकिंग है.
चेतेश्वर पुजारा बनने का सपना देखना आसान हो सकता है लेकिन वहा पहोचना बहोत मुश्किल है.अबतक के उनके करियर ने ए साफ़ कर दिया है की वो स्पिन से लेकर तेज गेंदबाज हो,उछाल भरी तेज विकेट पर भी काफी सहज ढंग से बल्लेबाजी कर सकते है.
पुजारा की माँ ने उन्हें अछे इंसान बनाने पर जोर दिया.ये उनकी माँ की ही देन है वो वगर पुजा पाठ किये वो आज भी घर से बहार नहीं निकलते है.
चेतेश्वर पुजारा आईपीएल – Cheteshwar Pujara IPL
टेस्ट विशेषज्ञ के रूप में चेतेश्वर पुजारा की प्रतिष्ठा के कारण पिछले कुछ साल में उन्हें इंडियन प्रीमियर लीग में खेलने का मौका नहीं मिला. लेकिन तीसरे नंबर पर खेलने वाला यह भारतीय बल्लेबाज रोहित शर्मा और विराट कोहली जैसे खिलाड़ियों से सबक सीखने के बाद अब आगामी सत्र में चेन्नई सुपर किंग्स की ओर से छाप छोड़ने को बेताब है.
कई सालों तक आईपीएल नीलामी में नहीं बिकने वाले पुजारा को इस साल 2021 में = Chennai Super Kings ने 50 लाख रुपये के उनके आधार मूल्य पर खरीदा और वह खेल के सबसे छोटे प्रारूप के प्रति बदली मानसिकता और रवैये के साथ खेलने के लिए तैयार हैं.
व्यक्तिगत जीवन- Personal Life Of C Pujara
पुजारा अरविंद पुजारा के बेटे और बिपिन पुजारा के भतीजे हैं, जो दोनों रणजी ट्रॉफी में सौराष्ट्र के लिए खेले थे.
जब वह 17 साल के थे, तब उनकी मां की कैंसर के कारण मृत्यु हो गई थी। उन्होंने 13 फरवरी 2013 को राजकोट में पूजा पाबरी से शादी की। 23 फरवरी 2018 को, यह जोड़ा अदिति नाम की एक बच्ची के माता-पिता बन गए.
फरवरी 2014 में, उन्हें चुनाव आयोग द्वारा गुजरात राज्य के लिए ‘ब्रांड एंबेसडर’ के रूप में नियुक्त किया गया था.
.क्रिकेट से चेतेश्वर के प्यार ने आज उन्हें अर्श तक पहुचा दिया है.हर बिता हुआ कल बताता है की चेतेश्वर पुजारा आने वाले कल में भी हर चुनोतियो को पार करने का दमखम रखते है.
Records- चेतेश्वर पुजारा के रेकोर्ड्स
- पुजारा की विराट कोहली के साथ हुयी 222 रनों की पार्टनरशिप रही जो आफ्रिका में भारत की संयुक्त उच्चतम पार्टनरशिप थी.
- एक टेस्ट पारी में एक भारतीय द्वारा सामना की गई सर्वाधिक गेंदें: 525
- भारतीय खिलाड़ी द्वारा दूसरा सबसे तेज 1,000 हजार test run.
- दक्षिण अफ्रीका में किसी भी भारतीय बल्लेबाज द्वारा दूसरी पारी में सर्वाधिक 153 रन.
- पुजारा मार्च 2017 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने दोहरे शतक के बाद टेस्ट बल्लेबाजों की रैंकिंग में करियर के सर्वश्रेष्ठ नंबर 2 स्थान पर पहुंच गए.
- वह पहले दिन एशिया के बाहर एक दौरे में शतक बनाने वाले छठे भारतीय क्रिकेटर हैं.
- टेस्ट के सभी पांच दिनों में बल्लेबाजी करने वाले भारत के तीसरे और कुल मिलाकर नौवें बल्लेबाज है.
- वह 6000 टेस्ट रन तक पहुंचने वाले ग्यारहवें भारतीय क्रिकेटर हैं.
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चेतेश्वर पुजारा की उम्र कितनी है?
34 साल
चेतेश्वर पुजारा के पिता का नाम क्या है?
अरविंद पुजारा
चेतेश्वर पुजारा की बेटी का नाम क्या है?
अदिति पुजारा
दोस्तों अंत में यह कह सकते है की अपने करियर के अभी तक के सफ़र में Cheteshwar Pujara ने काफी उतार चढ़ाव देखे है. Cheteshwar Pujara धीरे धीरे अब एक बहेतरीन बल्लेबाज बन गए है.और क्रिकेट विशेषज्ञों का भी मानना है की चेतेश्वर पुजारा की बेटिंग तकनीक बहोत ज्यादा जबरदस्त है. |
आज आपने क्या सिखा?
तो दोस्तों कैसा लगा हमारा यह आर्टिकल चेतेश्वर पुजारा जीवन परिचय(Cheteshwar Pujara Biography Hindi).यदि पोस्ट में कोई सुधार करने की जरुरत है तो हमें टिपण्णी(comment)करके बताये.
आपको यह लेख Cheteshwar Pujara Biography Hindi(चेतेश्वर पुजारा जीवन परिचय)कुछ नया जानने को मिला हो तो यह लेख अपने फ्रेंड्स के साथ शेर करना ना भूले.और हाँ इस लेख को स्टार रेटिंग भी देना ना भूले.
धन्यवाद.
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