फर्जी फेक वेबसाईट को कैसे पहचाने ?

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इस आर्टिकल में fake websites hindi फर्जी फेक वेबसाईट को कैसे पहचाने | How To Check Fake or Real Website ? | Tips to identify fake websites hindi और [2023] fake website ko kaise pahchane Tips to identify FAKE Websites in HINDI के बारे में विस्तार से जानेंगे.

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वर्तमान में दुनिया भर में अनुमानित 2 अरब वेबसाइट पंजीकृत हैं, जिनमें से केवल लगभग दस लाख वेबसाइटें सक्रिय हैं और बाकी वेबसाइट या तो निष्क्रिय हैं या तो साइबर अपराधियों द्वारा दुर्व्यवहार किया जा रहा है

एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में गूगल ने अपने सभी प्लेटफार्मों का उपयोग करके अनुमानित 22 लाख और 2022 मे 27 लाख Fake website की पहचान की थी।

वर्तमान समय में प्रतिदिन अनुमानित 10 हजार से अधिक फ़िशिंग के साथ Fake website साइबर वर्ल्ड में जन्म लेती है, जिसकी वजह से भविष्य मैं इंटरनेट यूजर्स पर साइबर हमले की संभावना से इंकार नही कीया जा सकता।

वर्तमान समय में आपके पास अपने मोबाइल में सोशीयल मीडिया पर कई तरह के वायरल लिंक देखे होंगे। जे साथ ही आपको सब्सिडी की पेशकश करते हैं। हाल ही में एक लिंक सबसे ज्यादा वायरल हुआ, जिसमें 599 रुपये का रिचार्ज तीन महीने के लिए फ्री है ऑफर 30 मई को किया जाएगा।पूरे गुजरात में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गुजरात मे इस लींक को वायरल कर दिया गया था। कयोकी गुजरात टाइटंस क्रिकेट टीम ने इस बार आईपीएल फाइनल जीता था।

गुजरात साइबर सेल ने कुछ ही घंटों में  इस लिंक को लेकर एक एडवाइजरी भी जारी की।एडवाइजरी में लिंक के माध्यम से आये नुकसान की चेतावनी भी दी गई थी।

और सोशल मीडिया पर कहीं किसी वेबसाइट पर लिंक दिए जाते हैं और साथ ही में सर्च ऐंजीन ब्राउज़िंग में भी ठीक है वेबसाइट है यूजर्स को चूना लगा जाती है।

तभी इंटरनेट यूजर के मन में एक सवाल उठता है कि ऐसी फेक वेबसाइटों की पहचान कैसे करें ?? तो दोस्तों आज के इस आर्टिकल के माध्यम से आपको 11 पॉइंट बताता हो जिसकी मदद से आप ऐसी फेक वेबसाइट को बहुत ही आसानी से पहचान सकेंगे तो चलिए दोस्तों जान लेते हैं Tips to identify FAKE WEBSITE कैसे एक फेक और फ़िशिंग वेबसाइट को पहचाने।

एड्रेस बार और URL को ध्यान से देखें

किसी भी वेबसाइट के URL के शुरुआत में “HTTP”और फिर अंत में “S” शब्द है कि नहीं सुनिश्चित करना बहुत महत्वपूर्ण है।

और कभी-कभी वेब ब्राउज़र में कुछ भी सर्च करते समय वेबसाइट के URL में शुरुआत में एक लॉक साइन होता है.यह भी सुनिश्चित करें कि वह लॉक साइन है या नहीं।

मान लें कि यदि पता बार में कोई S या लॉक चिह्न दिखाई देता है।वेबसाइट सुरक्षित है, लेकिन यह कभी न मानें कि वेबसाइट में ऐसे सुरक्षा मानदंड हैं और साइबर घोटाले न हों, लेकिन यह स्पष्ट है कि वेबसाइट का मालीक डेटा ट्रांसफर करने और उपयोगकर्ताओं के डेटा को हैकर्स से बचाने के लिए सुरक्षित एन्क्रिप्शन का उपयोग कर रहा हो।

इंफेक्शन के उपयोग से वेबसाइट से ट्रांसफर होने वाला डाटा परिवहन के दौरान अपठनीय रूप में बदल जाता है। जिससे होता है यू पी हैकर्स उस इंफॉर्मेशन को पढ़ नहीं पाता और हमारा डाटा सुरक्षित ट्रांसफर हो जाता है।

कांटेक्ट पेज की जाँच करें fake websites hindi

कोई भी वेबसाइट सही और उचित है या नहीं यह देखने के लिए किसी वेबसाइट के कॉन्टैक्ट पेज की जाँच करना अत्यंत आवश्यक है।

यदि कोई वेबसाइट पर कांटेक्ट पेज नहीं है, और वेबसाइट के मालिक ने फोन, ई-मेल, लाइव चैट, सोशल मीडिया हैंडलर नहीं लिखा हुआ तो उस वेबसाइट पर कभी भी भरोसा ना करें जब तक कोई भौतिक पता या कॉन्टैक्ट पेज द्वारा इंफॉर्मेशन ना दी गई हो।

साथ ही कॉन्टैक्ट पेज पर प्रदान की गई किसी भी प्रकार की संपर्क जानकारी की प्रामाणिकता को विभिन्न तरीकों से सत्यापित और प्रमाणित किया जाना चाहिए।

यदि ऐसी कोई भी जानकारी वेबसाइट पर नहीं मिलती तो बड़ी सावधानी से वेबसाइट में आगे बढ़े कोई भी पर्सनल डाटा इनपुट ना करे।

वेबसाइट कंपनी की सोशल मीडिया उपस्थिति की समीक्षा करे

अधिकांश कायदेसर कंपनियां और संगठन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनका अकाउंट होता है और उनके माध्यम से होने वाली सभी प्रकार की व्यावसायिक और प्रचार गतिविधियाँ अनुयायियों को सूचित करने के लिए नियमित रूप से अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट करते है।

यह करना है साथ ही वैध कंपनियों और संगठनों के सभी उपलब्ध सोशल मीडिया हैंडल की जानकारी उनके “Contact us” वेबपेज पर होती है, ऐसे किसी भी संगठन के साथ किसी भी तरह का लेन-देन करने से पहले सोशल मीडिया हैंडल से जानकारी लेने पर ही साथ ही उन संगठनों को भी निर्णय लेना चाहिए जो सोशल मीडिया हैंडल पर नहीं हैं।वफ़ादारी के लिए पहले के समय में उपयोग की जाने वाली भौतिक विधियों को अपनाने की आवश्यकता होती है।

डोमेन नाम की दोबारा जांच करें

साइबर अपराधियों प्रतिष्ठित और सरकारी वेबसाइटों के समकक्ष या ‘समान’ डोमेन नाम बनाकर, वे वेबसाइटों की प्रतिकृतियां भी बनाते हैं। जैसे कि वह Yahoo।com के बजाय Yah00।com और Amazon।net की जगह पर  Amaz0n।net जैसी डुप्लीकेट वेबसाइट बनाते हैं।

ऐसी डुप्लीकेट वेबसाइट डोमेन में “o” की जगह पर “0” जीरो लीखते हैं। परिणामस्वरूप उपयोगकर्ता केवल लिंक पर क्लिक करके ऐसी फ्रोड वेबसाइट का शिकार बन जाते हैं। इसलीये वेबसाइट पर लिंक या मेल के माध्यम से खोलने से पहले डोमेन नाम को दोबारा जांचें। अगर डोमेन फ्रॉड लगे तो उस लिंक को खोलने का भूल मत करिएगा।

ज्यादातर साइबर रिसर्च के माध्यम से यह स्पष्ट  हुआ है कि जितने भी फेक  डोमेन साइबरस्पेस में देखे गये, उनकी उम्र बहुत कम थी। यानी औसत एक साल या चार से पांच महीने, परिणामस्वरूप डोमेन आयु प्राप्त करके जानना आसान है की वेबसाइट फेक है या नहीं।

वेबसाइट के डोमेन की उम्र का पता लगाना बहोत ही आसान है। जिनका डोमेन में किसका नाम पंजीकृत है, वे वेबसाइट का कौन सा देश से है , शहर, आईपी पता और वेबसाइट कितने समय से सक्रिय है है, इन सभी जानकारी को जानने के लिए Whois Lookup नामका  डोमेन ट्रैकर है,इस वेबसाईट का यूज करके आप डोमेन की सभी जानकारी जान सकते है।

व्याकरण और जोड़नी की गलतियों की जाँच करें

स्पेलिंग, विराम चिह्न और हमेशा सभी फालतू वेबसाइटों पर व्याकरण संबंधी त्रुटियां पाई जाती हैं, नकली वेबसाइटों के अलावा त्वरित और पेशेवर लोगों की मदद के बिना बनायी जाती है।इसलिए ऐसी वेबसाईट पर गलतिया रह जाती है। अंत में वेबसाइट के होमपेज के और संलग्न अन्य वेबपेजों को ठीक से पढ़ने और सत्यापित करने के बाद ही वेबसाइट के साथ व्यवहार करना चाहिए।

वेबसाइट के लिए गोपनीयता नीति privacy policy की जाँच करें

डेटा गोपनीयता कानूनों और विनियमों के अनुसार वेबसाइट की अधिकांश वेबसाइटें विज़िटर अपने महत्वपूर्ण डेटा को कैसे एकत्रित, उपयोग, सुरक्षित और संग्रहीत करते हैं

वेबसाईट का ओनर अपने वेबसाइट पर privacy policy वेबपेज के रूप में अपनी नीतियों और प्रक्रियाओं लिखके बताता है।जबकि अधिकांश साइटों में एक वेब पेज या किसी दस्तावेज़ का लिंक होता है जो विस्तृत जानकारी प्रदान करता है।परिणामस्वरूप कोई भी जानकारी या कोई ऑनलाइन देने से पहले कृपया खरीदारी करने से पहले वेबसाइट की गोपनीयता नीति को ध्यान से पढ़ें।

अधिकांश फेक वेबसाइट के लिए privacy policy गोपनीयता नीति फालतू वेबसाइटों पर प्रदान नहीं की जाती है, जिसके परिणामस्वरूप यदि वेबसाइट पर privacy policy नहीं मिलती है तो उस स्थान पर कोई भी महत्वपूर्ण जानकारी उस वेबसाइट के माध्यम से किसी भी प्रकार का वित्तीय लेनदेन न करें और न ही करने दे।

वेबसाइट को एंटीवायरस सॉफ्टवेयर से स्कैन करें

हालांकि, कुछ वेबसाइटों पर कभी-कभी विज्ञापन या एड्स पॉपअप  दिखाई दे सकते हैं।अत्यधिक विज्ञापन सामग्री जो उपयोगकर्ताओं की वेबसाइट समीक्षाओं में भी हस्तक्षेप करती है।उपयोगकर्ताओं को अन्य वेबसाइटों पर पुनर्निर्देशित करने के लिए लिंक पर क्लिक करने के लिए बाध्य करता है।

उन सभी वेबसाइटों को धोखाधड़ी के साथ-साथ असुरक्षित साइट भी बनाया जा सकता है।लिंक के माध्यम से प्रसारित होने वाली वेबसाइटें ज्यादातर वायरस, फिशिंग, मैलवेयर आदि हैं।

वेबसाईट के माध्यम से आपके  डिवाइस को हैक भी किया जा सकता है। परिणामस्वरूप ऐसी वेबसाइटों को लाइसेंस एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर के साथ स्कैन करना आवश्यक है।

Google SafeBrowser पारदर्शिता रिपोर्ट वाली वेबसाइट को वेलिडेट करे

Google सुरक्षित ब्राउज़र पारदर्शिता रिपोर्ट के साथ वेबसाइट को सत्यापित करके सटीकता की जाँच करें। इस प्रकार की रिपोर्ट वेबसाइट और उसमें निहित विवरण कितना उपयुक्त है।जो वेरिफिकेशन में मददगार है। वेबसाइट के लिए ‘ए से एफ’ का स्कोर निर्धारित करने में आ रहा है। बेशक, केवल ‘ए’ स्कोर वाली वेबसाइटों को ही उचित प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

सरप्राइज डील या ऑफर से दूर रहें

हालांकि कुछ खुदरा विक्रेताओं के लिए इन्वेंट्री को बढ़ावा देने के साथ-साथ एक नए उत्पाद या सेवा को बढ़ावा देने के लिए वस्तुओं पर छूट प्रदान करते है। वर्तमान समय में बहुत अच्छी कीमत पर पेश किया गया

छूट एक आम बात है, अगर आपको ऐसी वेबसाइट मिलती है जो अविश्वसनीय है या अगर आपको कोई सरप्राइज डील ऑफर की जाती है, तो ऑफर को स्वीकार करने से पहले दो बार सोच लें। एक से अधिक प्लेटफ़ॉर्म से ऑफ़र की समीक्षा करना अधिक उचित होगा।

कंपनी के संदर्भमे संशोधन करे

कंपनी समीक्षाओं या समीक्षाओं के लिए एक सरल ऑनलाइन खोज आपको व्यवसाय और कंपनी के बारे में बताएगी और भी बहुत कुछ सुझाएंगे। यह भी देखें कि वेबसाइट पर समीक्षाएँ कितनी हाल की हैं और यदि आप करेंगे।

कंपनी से सक्रिय प्रतिक्रियाओं की भी जांच करें। साथ ही कंपनी की प्रतिष्ठा_ अनुसंधान के लिएअपने कॉर्पोरेट मंत्रालय मंच का उपयोग करें।

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आपने क्या सिखा??

तो दोस्तों अब तो आप समज ही गए होंगे की फर्जी फेक वेबसाईट को कैसे पहचाने How To Check Fake or Real Website कैसे करे । हमारा यह आर्टिकल Tips to identify fake websites hindi कैसा लगा कमेन्ट में लिखे।यह लेख में कोई सुधार करने की जरुरत हो तो हमें बताना ना भूले।

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